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ऋषि पंचमी (रक्षाबंधन- सालासर पुजारी परिवार)
सितम्बर 1, 2022
चंद्र कैलेंडर के भाद्रपद माह में गणेश चतुर्थी के अगले दिन पांचवां दिन ऋषि पंचमी है। यह सप्त ऋषि की पारंपरिक पूजा है। सात ऋषि – कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम महर्षि, जमदग्नि और वशिष्ठ। केरल के कुछ हिस्सों में इस दिन को विश्वकर्मा पूजा के रूप में भी मनाया जाता है।
इस व्रत में लोग उन प्राचीन ऋषियों के महान कार्यों का सम्मान, कृतज्ञता और स्मरण व्यक्त करते हैं, जिन्होंने समाज के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह व्रत महिलाओं को करना होता है।
ऋषि पंचमी को कुछ दधीच ब्राह्मणों और राजस्थान के अग्रवाल और माहेश्वरी और कायस्थ समुदायों द्वारा रक्षा बंधन या “राखी त्योहार” के रूप में भी मनाया जाता है। बहनें “राखी” या “पवित्र धागा” बांधती हैं और दोनों भाई-बहन एक-दूसरे की भलाई के लिए प्रार्थना करते हैं और एक-दूसरे की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।